जब भी भारत में ऑनलाइन शिक्षा की बात होती है, तो एक नाम बिना किसी संदेह के ज़ुबान पर आ जाता है – खान सर। एक ऐसा नाम जिसने लाखों छात्रों के दिलों में जगह बनाई है, और जिनकी क्लास देखे बिना UPSC या SSC की तैयारी अधूरी सी लगती है। उनका अंदाज़ इतना देसी, मज़ाकिया और आसान होता है कि भारी-भरकम टॉपिक भी चाय की चुस्की की तरह हल्का लगने लगता है। आइए, आज हम जानते हैं खान सर के उस अनोखे सफर के बारे में, जिसने उन्हें हर कोने के छात्र का चहेता बना दिया।
शुरुआती जीवन – ज़मीन से जुड़े इंसान की कहानी

खान सर का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक साधारण मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता भारतीय सेना में थे और माँ एक गृहिणी। उनके बचपन की कहानी भी बाकी मिडल क्लास बच्चों जैसी थी – कम संसाधन, मगर बड़े सपने।
बचपन से ही पढ़ाई में रूचि थी और देशभक्ति उनके खून में रची-बसी थी। उन्होंने बचपन में ही तय कर लिया था कि उन्हें कुछ ऐसा करना है जिससे समाज में बदलाव आए। पहले तो वह सेना में भर्ती होना चाहते थे, NDA का एग्ज़ाम भी निकाला, लेकिन मेडिकल कारणों से सिलेक्शन नहीं हो पाया। मगर उन्होंने हार नहीं मानी, और यहीं से शुरू हुआ एक नए रास्ते का सफर।
शिक्षा और शुरुआती संघर्ष
खान सर ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और इसके बाद मास्टर्स भी पूरा किया। मगर उनकी असली पढ़ाई तो शायद लाइफ ने ही कराई – लोगों को समझना, समाज की ज़रूरतों को पहचानना, और सबसे बड़ी बात – कैसे आम आदमी की भाषा में पढ़ाया जाए।
उन्होंने पढ़ाना बहुत ही कम उम्र में शुरू कर दिया था। शुरू-शुरू में मुश्किलें बहुत आईं – न तो ज़्यादा स्टूडेंट्स थे, न संसाधन, और न ही प्रचार। मगर धीरे-धीरे उनके पढ़ाने के देसी और मज़ेदार अंदाज़ ने छात्रों को आकर्षित किया।
Khan Sir GS Research Centre – एक क्रांति की शुरुआत
पटना में स्थित उनका कोचिंग सेंटर – Khan GS Research Centre – धीरे-धीरे छात्रों की भीड़ से भरने लगा। जब ऑफलाइन क्लास में हजारों बच्चे बैठने लगे तो उन्होंने यूट्यूब की ओर रुख किया। और बस, यहीं से शुरू हुई डिजिटल भारत में एक नई क्रांति।
उनका यूट्यूब चैनल आज करोड़ों सब्सक्राइबर्स तक पहुँच चुका है। चाहे वो करंट अफेयर्स हों, इतिहास, भूगोल या विज्ञान – हर विषय को वो ऐसे समझाते हैं जैसे आपके मोहल्ले का भइया समझा रहा हो। उनकी भाषा सरल है, अंदाज़ देसी है, और ज्ञान ऐसा जो दिल को छू जाए।
क्यों हैं Khan sir इतने लोकप्रिय?

- देसी अंदाज़ – उनकी बोली और भाषा ऐसी है जैसे किसी अपने से बात हो रही हो।
- हास्य और ज्ञान का मेल – वो जितना पढ़ाते हैं, उतना ही हँसाते भी हैं।
- गंभीर मुद्दों पर स्पष्ट राय – चाहे देश के मुद्दे हों या सामाजिक समस्याएं, खान सर हमेशा खुलकर बोलते हैं।
- कम संसाधनों में बड़ा बदलाव – उन्होंने साबित किया कि अगर इरादा मज़बूत हो तो बड़ी-बड़ी इमारतों की नहीं, बस नीयत की ज़रूरत होती है।
विवाद और आलोचनाएं
इतनी लोकप्रियता के साथ विवाद भी आते हैं। खान सर पर कई बार राजनीतिक पक्षपात के आरोप लगे हैं। एक वीडियो को लेकर FIR भी दर्ज हुई थी। लोगों ने उन्हें ट्रोल किया, धार्मिक पहचान पर सवाल उठाए गए। मगर इन सबसे ऊपर उठकर उन्होंने खुद को पढ़ाई और अपने छात्रों के लिए समर्पित रखा।
उनकी सबसे बड़ी खूबी यही है – वो किसी विवाद का जवाब पढ़ाई से देते हैं। उनके लिए हर धर्म, हर जाति और हर वर्ग का छात्र एक जैसा है।
हाल ही में चर्चा में क्यों हैं खान सर?

2025 में एक खबर ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी – खान सर ने शादी कर ली है!
जी हाँ, उन्होंने खुद एक वीडियो में इसकी पुष्टि की और अपने स्टूडेंट्स से यह खबर साझा की। हालाँकि उन्होंने अपनी पत्नी की पहचान गुप्त रखी है और कहा कि वो पब्लिक फिगर नहीं हैं, इसीलिए प्राइवेट रखना बेहतर है।
छात्रों ने उन्हें बधाइयों से भर दिया, और इस खबर ने इंटरनेट पर ट्रेंड पकड़ लिया। यह दिखाता है कि कैसे एक शिक्षक अपने छात्रों के लिए परिवार जैसा बन जाता है।
प्रेरणा जो सबको छू जाए

Khan sir की कहानी हमें यह सिखाती है कि:
- मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता
- पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है
- अगर आप सच्चे दिल से किसी काम में लगे हैं, तो एक दिन ज़रूर कामयाबी आपके कदम चूमेगी
वे उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो सोचते हैं कि बिना बैकअप, बिना जुगाड़ और बिना नाम के कुछ नहीं हो सकता। खान सर ने ये मिथक तोड़ दिया है।
निष्कर्ष – एक असली हीरो
आज जब शिक्षक सिर्फ कोचिंग संस्थान के मालिक या व्यवसायी बनते जा रहे हैं, ऐसे समय में खान सर जैसे शिक्षक उम्मीद की किरण हैं। वो सिर्फ पढ़ाते नहीं, बल्कि एक आंदोलन चला रहे हैं – “शिक्षा सबके लिए, सरल भाषा में”।
उनका हर वीडियो सिर्फ ज्ञान नहीं देता, हौसला भी देता है। और यही बात उन्हें आम से खास बनाती है।
Khan sir आज भी वही देसी अंदाज़ में, सादगी से, अपने छात्रों के लिए दिन-रात लगे हुए हैं। शायद इसी को असली शिक्षक और असली हीरो कहते हैं।